शहर जिसे कहते हैं मेरठ...'s image
1 min read

शहर जिसे कहते हैं मेरठ...

Nishant JainNishant Jain June 16, 2020
Share0 Bookmarks 57 Reads0 Likes

शहर मेरे तू मेरी मुहब्बत, तू है मेरी जान,

गंगा-जमुनी आन-बान की तू सच्ची पहचान।


शहर-छावनी में सोया है, सदियों का इतिहास,

महाभारत से जंग-ए आज़ादी तक का अहसास,

सन सत्तावन की क्रान्ति की, तूने छेड़ी तान।


हिन्दी -उर्दू के लफ़्ज़ों में, तेरी महक समाई,

मन्त्र-अजानें-गुरूबानियाँ, तूने सदा सुनाईं,

शान्ति-अमन की परम्परा का, बना रहे सम्मान।


हर जुबान में घुली तेरे, गन्नों की ग़ज़ब मिठास,

गज़क-रेवड़ी स्वाद बिखेरें, मेरठ का वो ख़ास,

काली पलटन-घंटाघर-नौचंदी तेरी शान।


सपनों के आज़ाद परिन्दे, भर लें वो परवाज़,

देश और दुनिया में गूंजे, तेरी ही आवाज़,

कायम रहे क़यामत तक तू, इतना सा अरमान। 

No posts

Comments

No posts

No posts

No posts

No posts