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अजब-अनोखी प्यारी दुनिया,
लगती सबसे न्यारी दुनिया,
इस दुनिया के खेल नवेले,
जीव-जंतु प्यारे अलबेले।
अजब-गजब हैं रंग धरा के,
कैसे खेल खिलाती है,
टीचर कहती गोल है दुनिया,
मुझको चपटी लगती है।
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