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मेरी सखी मोहे देत उल्हाना
अब तू ही बता नंद के लाल कैसे इस जग का मोह में छोडु कैसे तुझ से अपनी प्रीत मै
अब तू ही बता नंद के लाल कैसे इस जग का मोह में छोडु कैसे तुझ से अपनी प्रीत मै
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