आज शुरुआत सिया के चरित्र चित्रण से करते है पहले सिया को जानने की कोशिश करते हैं कि वो हमारे समझ में आती है या नहीं,,,,
सिया एक प्यारी सी सुन्दर लड़की है जिसे सपने देखना और उन सपनों को हक़ीक़त में बदलना बहुत पसंद है वो इंसानो से कम और जानवरों से ज्यादा दोस्ती रखती है उसे खुद से भी ज्यादा प्यार है आपने जानवरों से
सिया एक दिन मंदिर के पास खाली समय में बैठी थी तभी उसकी एक दोस्त तनु वहां आती है
hy सिया तू यहां अकेली क्या कर रही है तनु आकर सिया से कहती हैं
" बस कुछ नहीं यू ही खाली बैठी थी तो सोचा मंदिर चलती हूँ सिया तनु को उत्तर देती है "
" तनु अच्छा चल हम बाते करते हैं मजा आएगा "
सिया हाँ ठीक है पर हम नदी में पैर डाल कर बाते करे क्या
तनु- हा ठीक हैं जैसी तेरी मर्जी
" दोनों नदी के किनारे पर बैठ जाती हैं और उसमे अपने पैर डालकर बाते करने लगती हैं "
आज हम एक दूसरे के बारे मे जानते हैं पर यार मेरे बारे में तो तुझे सब पता है पर तेरे वारे में मुझे कुछ भी नहीं पता चल आज तू बता अपने बारे में मुझे तनु सिया से कहती हैं
सिया मेरे बारे मे तुझे क्या जानना है सब कुछ तो पता है तुझे
"तनु नहीं मुझे कुछ नहीं पता अच्छा तू मुझे बता की क्या क्या शौक है तुझे "
सिया- तू वता पहले
तनु- अब मैं क्या बताऊँ तुझे बस इतनी सी बात है कि जब तक घर वाले पढ़ाएंगे तब तक पाढ़ लेंगे उसके बाद सादी बच्चे अपना घर संभालेंगे और क्या
" बस इतना ही सोच रखा है तुमने अपनी इतनी क़ीमती जिंदगी के बारे में सिया तनु से कहती हैं "
तनु- हाँ अब सब की किस्मत तुम्हारे जैसी थोड़ी है हमे कौन पढ़ाएंगे तुम्हारी तरह तुम अपने घर मे अकेली हो इसलिए पाढ़ रहीं हो पर हमारे घर में हमारे भाई है तो घर वाले सिर्फ उन्हें ही पढ़ाएंगे हमे थोड़ी
" सिया ये सुनकर हैरान होती है....क्या "
तनु- हाँ इसमें हैरान होने की क्या बात हैं यहि सच है
" सिया ये सच नहीं सोच है तुम्हारे माता पिता की क्योंकि वो आज की दुनिया से अंजान है उन्हें नहीं पता है कि आज की दुनिया में पढ़ाई कितनी जरूरी है तुम्हें उन्हें ये बात बता नी चाहिए "
तनु- क्या फायदा हमारी कोन सुनेगा यार चल तुम अपनी बताओ कुछ
" सिया एक आजाद और अच्छी सोच बाली ल़डकि है उसके हिसाब से अपने लिए जरूरत पड़ने पर लड़ना अच्छी बात है वो सच का साथ देती हैं "
सिया- मुझे किताबे पढ़ना बहुत पसंद है साथ ही किताबों से सीखना भी तुम भी पड़ा करो किताबे पढने से तुम्हारा पढ़ाई में मन लगेगा और एक बार पढ़ाई में मन लग गया ना तो तुम देखना कोई तुम्हें पढ़ाई छोड़ने के लिए नहीं कहेगा
देखो तनु हमारे पास एक ही जीवन है दूसरा हमे मिलेगा या नहीं उसके बारे मे हमे नहीं पता पर इतना तो पता है ना कि ये हमारा जीवन अभी हमारे पास है इसे बस यू ही बर्बाद मत करो कुछ अच्छा सोचो और करो कुछ तो ऐसा करो जिससे सब तुम्हें जाने तुम्हारे कामो
No posts
No posts
No posts
No posts
Comments