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किसको दर्द बताऊं मैं

Niranjan NiranjanNiranjan Niranjan April 25, 2023
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हंसता हुआ चेहरा देखा है अभी ,आंखों से उमड़ता सागर कहां।
गैरों से लड़ाई देखी है अभी तक आपने,अपनों से कहा।
गैरों के जख्म दिखे हैं बदन पर ,अपनों के कहां।
मेरी सफलता का श्रेय भाग्य को मिला, संघर्ष को कहां।

उगते सूरज को प्रणाम करते हैं सभी, छुपते को कहां।
मिल जाते हैं हम सफर बहुत इस जग में, पर हम दर्द कहां।
अपना मर्ज किसको बताएं निरंजन, मर्ज की दवा देने वाले कहां।

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