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लोकोक्तिक
गान
किस्मत
उलटी है या सीधी
पता ना
रास्ता तो चल कर ही
मालूम होगा
सरल या टेढ़ा
दिन.निकला
सूरज उगा पूरब में
छिपेगा पश्चिम में
आये जो
उन्हें जाना भी है
साँस अंदर बाहर
आवे जावे
करे टिटौली
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