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जब देखी गहराई समुंद्र की
तब यह कही जाना मैंने
जिंदगी समुंद्र से भी गहरी हैं
यह बात समझ में आई है।
जिंदगी की ना होती सतह
ना परतों पर काई है
फिर भी ना जाने जिंदगी क्यों
इतनी गहराई में समाई है।
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