Share0 Bookmarks 43733 Reads0 Likes
मायावी संसार मे क्यो ढूंढता है सत्य की परीकाष्ठता,
यहां हर जीव काया मे झूठ,
हृदय रूपी इश्वर मे सत्य बसा,
मत कुंठित कर अपनी
निर्मल सोच को,
दे
No posts
No posts
No posts
No posts
No posts
No posts
No posts
No posts
Comments