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ऐ वतन तेरे लिए मातृभूमि के वीर सपूत
(नीरज शर्मा)
भारत में उन दिनों अंग्रेजों की हकूमत थी और पूरा देश अपनी मातृभूमि की आजादी के लिए प्रयास कर रहा था।नलगढ़ा जो कि नोएडा एक्सप्रेस हाईवे के साथ लगता एक गांव है। उन्हीं दिनों हिदुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिकन एसोसिएशन के प्रमुख नेता चन्द्र शेखर आजाद,भगत सिंह, राजगुरु, सुखदेव एवं अन्य साथी नलगढ़ा में लगभग तीन साल अपनी योजनाओं को बनानें और क्रियान्वित करने तक भेस बदल कर रहे थे।एक दिन सर्दियों की दोपहरी में ये सभी और इसी गांव के कुछ विश्वासपात्र साथी इकट्ठे बैठे धूप सेक रहे थे और सभी अपने पुराने साथियों को याद कर रहे थे तो आजाद जिनको सभी पण्डित जी कहते थे उन्होंने बताया कि काकौरी काण्ड की योजना उन्होंने ने ही बनाई थी।उनके साथ प.रामप्रसाद विसमिल, राजेंद्र नाथ लाहिडी, ठाकुर रोशन सिंह, अशफाकुल्लाह और अन्य साथी थे । उन्होंने आगे कहा कि हमें पता था कि यह बहुत बड़ा काण्ड होगा और फिरंगी इस लूट में शामिल लोगों को गिरफ्तार करने के लिए देश भर में कोहराम मचा देंगे।यह इस तरह की पहली योजना थी जिसे क्रान्तिकारी अंजाम देने जा रहे थे। काण्ड से एक रात पहले सभी साथी अपने हथियारों के साथ एक जगह इकट्ठे हुए तो आजाद ने कहा कि उन्होंने तो अंग्रेजी पुलिस से आजाद रहने की कसम बचपन में ले ली थी।यह सुन एक-एक कर सभी साथियों ने भी कसम खाई की अंग्रेजी पुलिस के हाथ आने के बाद और पुलिस के असहनीय अत्याचारों से टूट कर कोई भी दूसरे साथीयों के खिलाफ मुंह नही खोलेगा।यह सब पूर्ण होने के बाद अशफाक ने मजाक में कहा कि "पण्डित जी हम सब तो अपनी कस
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