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"जिंदगी के वो पल क्या हम कभी भूल पाएंगे क्या"।।
एक इंजीनियर के तौर पर जिंदगी की शुरुवात,क्या हम कभी भूल पाएंगे क्या।।
घर से कही दूर एक नई जगह का सफर,क्या हम कभी भूल पाएंगे क्या।।
अनजान जगह पे जाना नए नए लोगो से मिलना ,क्या हम कभी भूल पाएंगे क्या।।
एक मार्ग दर्शक के तौर पर अपने सीनियर से नई नई चीजें सीखना,क्या हम कभी भूल पाएंगे क्या।।
अपने काम को सीखने का उत्साह,जुनून कुछ नया सीखने की चाह,क्या हम कभी भूल पाएंगे क्या।।
छोटी छोटी गलतियों पे प्यार से डॉट खाना, क्या हम कभी भूल पाएंगे क्या।।
शाम को काम से घर आने के बाद सबका एक साथ बैठ के बाते करना, हसी मजाक करना,क्या हम कभी भूल पाएंगे क्या।।
शहरो के बाजारों में एक साथ घूमना एक एडवेंचर का अहसास होना,क्या हम कभी भूल पाएंगे क्या।।
परिवार से दूर होने के बाद भी परिवार का एहसास ना होने देना,क्या हम कभी भूल पाएंगे क्या।।
छोटी छोटी चीजों के लिए पार्टी का नया नया तरीका ढूंढना,क्या हम कभी भूल पाएंगे क्या।।
त्योहारों में घर जाने की खुशी,माता पिता से मिलने की खुशी,क्या हम कभी भूल पाएंगे क्या।।
पहली वेतन आने की खुशी,उसका इंतजार,माता पिता के चेहरे की मुस्कान,क्या हम कभी भूल पाएंगे क्या।।
काम खत्म होने के बाद एक दूसरे को विदा करने का गम,क्या हम कभी भूल पाएंगे क्या।।
घर से आने के बाद एक दूसरे से मिलने का उत्साह,क्या हम कभी भूल पाएंगे क्या।।
एक दूसरे से दूर होने के बाद उनका फोन आना,उसने देर तक बाते करना,पुरानी बातो को याद कर के खुश होना,क्या हम कभी भूल पाएंगे क्या।।
हम इंजीनियर है जनाब हम छोटी छोटी चीजों में खुशियां ढूंढ लेते हैं।।
"जिंदगी के वो हसीन पल क्या हम कभी भूल पाएंगे क्या।।"
एक इंजीनियर के तौर पर जिंदगी की शुरुवात,क्या हम कभी भूल पाएंगे क्या।।
घर से कही दूर एक नई जगह का सफर,क्या हम कभी भूल पाएंगे क्या।।
अनजान जगह पे जाना नए नए लोगो से मिलना ,क्या हम कभी भूल पाएंगे क्या।।
एक मार्ग दर्शक के तौर पर अपने सीनियर से नई नई चीजें सीखना,क्या हम कभी भूल पाएंगे क्या।।
अपने काम को सीखने का उत्साह,जुनून कुछ नया सीखने की चाह,क्या हम कभी भूल पाएंगे क्या।।
छोटी छोटी गलतियों पे प्यार से डॉट खाना, क्या हम कभी भूल पाएंगे क्या।।
शाम को काम से घर आने के बाद सबका एक साथ बैठ के बाते करना, हसी मजाक करना,क्या हम कभी भूल पाएंगे क्या।।
शहरो के बाजारों में एक साथ घूमना एक एडवेंचर का अहसास होना,क्या हम कभी भूल पाएंगे क्या।।
परिवार से दूर होने के बाद भी परिवार का एहसास ना होने देना,क्या हम कभी भूल पाएंगे क्या।।
छोटी छोटी चीजों के लिए पार्टी का नया नया तरीका ढूंढना,क्या हम कभी भूल पाएंगे क्या।।
त्योहारों में घर जाने की खुशी,माता पिता से मिलने की खुशी,क्या हम कभी भूल पाएंगे क्या।।
पहली वेतन आने की खुशी,उसका इंतजार,माता पिता के चेहरे की मुस्कान,क्या हम कभी भूल पाएंगे क्या।।
काम खत्म होने के बाद एक दूसरे को विदा करने का गम,क्या हम कभी भूल पाएंगे क्या।।
घर से आने के बाद एक दूसरे से मिलने का उत्साह,क्या हम कभी भूल पाएंगे क्या।।
एक दूसरे से दूर होने के बाद उनका फोन आना,उसने देर तक बाते करना,पुरानी बातो को याद कर के खुश होना,क्या हम कभी भूल पाएंगे क्या।।
हम इंजीनियर है जनाब हम छोटी छोटी चीजों में खुशियां ढूंढ लेते हैं।।
"जिंदगी के वो हसीन पल क्या हम कभी भूल पाएंगे क्या।।"
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