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"कभी कभी...ऐसा भी होता है."
खुली आँखों से ख़्वाब.. देखती हूँ कभीकभी,
मन कहीं दूर.. अपने ख्यालों में उड़े जाता है,
याद आते हैं हादसे..बीती बातों के अचानक
और दिल सिलसिलेवार उन्हें जोड़े जाता है.
रफ़्तार कुछ इस कदर बढ़...गयी है जिंदगी की
कभी-कभी लमहें..बिन जिये..ही गुजर जाते हैं.
कभी कभी..ख़ामोशी...को भी सुनने का जी करता है,
बहुत कुछ कह जाती है.. अक्सर, कहीं वीरानों में.
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