शायरी तेरी मेरी's image
Poetry1 min read

शायरी तेरी मेरी

Neelam bansalNeelam bansal April 21, 2023
Share0 Bookmarks 43749 Reads1 Likes

दिल तेरे दायरे से निकलता नहीं है क्यों 

आलम इसे गमों का अब खलता नहीं है क्यों ।।


क्यों झील सा ये ठहर गया है यहाँ ! ख़ुदा 

रस्तों पे ज़िंदगी के ये चलता नहीं है क्यों ।।


तन्हाई रास आने लगी क्यों इसे यहाँ

अब दे

No posts

Comments

No posts

No posts

No posts

No posts