Share0 Bookmarks 49096 Reads1 Likes
ग़ज़ल
जो खो दिया है तू ने मुकर्रर नहीं है ये
दुख जितना समझा उतना तो कमतर नहीं है ये ।।
मुम्किन नहीं दोबारा इसे पाना अब यहां
यारों!मशीनों से बना गौहर नहीं है ये ।।
हर पल ये प्यार अपना बदल लेता है यहां
No posts
No posts
No posts
No posts
Comments