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वो मुहब्बत में भी कारोबार कर गई..
वो माहिर थी फन ए अय्यारी में
अपने इश्क़ में मुझे बीमार कर गई,
अनाड़ी सी शख्सियत थी अपनी
वो मुहब्बत में भी कारोबार कर गई,
जिसे समझते रहे चारागर ए हयात
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