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मेरी दिलरुबा....
नाजुक लबो वाली है
रंगत जिसकी सुनहरी है,
वैसे तो मेरी दिलरुबा है
मगर दिल से बहरी है,
हम क़ुबूल है पे अटके
वो ना ना पे ठहरी है,
राज़ की बात क्या कहे
वो बात ज़रा गहरी है..!!
:: नवाबज़ादा
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