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इश्क़ में धोखा खाने वाले
हम है दर्द छुपाने वाले
छोड़ के मुझको जाने वाले
लौट के कब है आने वाले
शायद वे नादान ही होंगे
आज मुझे अपनाने वाले
तुमको इक दिन आना होगा
रूठ के मुझसे जाने वाले
सच्चाई से वाकिफ़ हूँ मैं
बातों से बहलाने वाले
वक़्त तुम्हें लूटेगा इक दिन
ईमाँ बेच के खाने वाले
उठते है 'नवनीत' नहीं वो
नज़रों से गिर जाने वाले
- नवनीत 'कृष्ण'
बिहार , नालंदा
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