तस्वीर's image
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सो गए लोगों का

तस्वीर जागती है

चलती है सांसे

सपने ख़्वाब बुनते हैं

इक इंसान बनने की

जिनमें होती है बेचैनी

कुछ अच्छा करने की

कुछ बेहतर पा लेने की


तस्वीर में ब्लर पत्ते भी

घने रात में हिलती है

हिलती है उसकी टहनियां

लेकिन बूत बन जाता

पत्ते के आगे खड़ा इंसान

जो आज़ाद होकर भी

कैद हो जाना चाहता एक यंत्र में

और कर देता समय के साथ

खुद को भी गुलाम


– Naveen Yadav

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