
Share1 Bookmarks 461 Reads1 Likes
कोरोना कालकूट विष बन के बरस पड़ा
समस्त संसार इसके आगे विवश खड़ा,
खेल मौत का यह खेलता फिर रहा इधर-उधर
मृत्यु तांडव हो रहा नज़र ले जाओ तुम जिधर,
अच्छे-अच्छों को इसने किया बिलकुल ही पस्त,
कभी न होने वालों का भी होने लगा सूर्य अस्त,
गली, गगन, सदन, भवन को सुनसान कर दिया,
मौत के आतंक से घरों को इसने भर दिया
दो
No posts
No posts
No posts
No posts
Comments