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तक़ल्लुफ को इख़्लास समझने की भूल न कर

Nathuram KaswanNathuram Kaswan April 18, 2023
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दूरको दूर पास को पास समझने की भूल न कर

हर-सू हर शय को खास समझने की भूल न कर

महज़ हाथ मिलाने से कोई हबीब नहीं हो जाता

तक़ल्लुफ को इख़्लास समझने की भूल न कर

डॉ.एन.आर. कस्वाँ#बशर

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