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शाम -ए-हयात हमारी गुज़र जाने दो आसानी से

Nathuram KaswanNathuram Kaswan May 3, 2023
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शाम -ए-हयात हमारी गुज़र जाने दो आसानी से

ऐ खुदारा करदो महफूज हमको हर पशेमानी से

पीरी में आके कुछ लंबे होने लगे हैं रोज ओ शब

तन्हाई के आलम को दूर करो हमारी कहानी से

डॉ.एन.आर.कस्वाँ #बशर 

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