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दुश्मनों की तरह रंज ओ ग़म हमको बशर घेरे रहते हैं
भूली बिसरी यादों के डाले हुए डेरे शाम सवेर
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दुश्मनों की तरह रंज ओ ग़म हमको बशर घेरे रहते हैं
भूली बिसरी यादों के डाले हुए डेरे शाम सवेर
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