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मयकश चकरा गए देखकर ज़ाहिद को मयखाने में
देखा नहीं फ़कीर के बा-सफ़ा बातिन को जमाने में
डॉ.एन.आर.कस्वाँ #बशर
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मयकश = पियक्कड़
ज़ाहिद = धर्म-परायण, संयमी
बासफ़ा = बेदाग
बातिन = अंतर्मन
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