मरकर भी मग़र इन्सान की इन्सानियत मरती नहीं है's image
Poetry1 min read

मरकर भी मग़र इन्सान की इन्सानियत मरती नहीं है

Nathuram KaswanNathuram Kaswan May 12, 2023
Share0 Bookmarks 15 Reads0 Likes

पेट भर जाता है थोड़ेसे खाने से भूख मरती नहीं है

जीते-जी कभी भी आदमी की नियत भरती नहीं है

दुनिया-ए-फ़ानी में आके यहां हर कोई मर जाता है

मरकरभी मग़र इन्सानकी इन्सानियत मरती नहीं है

डॉ.एन.आर. कस्वाँ #बशर

No posts

Comments

No posts

No posts

No posts

No posts