जिंदा है गज़ल's image
Poetry1 min read

जिंदा है गज़ल

Nathuram KaswanNathuram Kaswan March 24, 2023
Share0 Bookmarks 48415 Reads0 Likes

सोचो जरा कितनी लम्बी रही होगी उस की रहगुज़र

सदियोंका करके लंबा सफ़र यहाँतक पहुँची है गज़ल




सुख़न की खिदमत में आते-जाते रहे बहोत सुख़नवर 

गज़ल को न मिला हमसफ़र हुआ ना खुदा का फ़ज़ल




यूं तो है वक़्त मुकर्रर ह

No posts

Comments

No posts

No posts

No posts

No posts