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खोए हुए हम अपने रंज-ओ-मलाल मलाल की फ़िकर ही में रहे,
जिनका इंतज़ार था वो आकर चले गए और हम मुंतज़िर ही रहे!
डॉ.एन.आर.कस्वाँ #बशर
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खोए हुए हम अपने रंज-ओ-मलाल मलाल की फ़िकर ही में रहे,
जिनका इंतज़ार था वो आकर चले गए और हम मुंतज़िर ही रहे!
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