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जुल्फों के बादलों से ढँका चाँद सा चहरा होता है
जज़्बा -ए-तलब देखने का उन को गहरा होता है
डॉ.एन.आर. कस्वाँ #बशर
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जुल्फों के बादलों से ढँका चाँद सा चहरा होता है
जज़्बा -ए-तलब देखने का उन को गहरा होता है
डॉ.एन.आर. कस्वाँ #बशर
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