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हयात-ए-मुस्त'आर जमाने में बशर अपनी कुछ ऐसे गुज़र गई
ख्वाहिशें थीं तो हैसियत न थी हैसियत है तो ख्वाहिशें मर गई
डॉ.एन.आर. कस्वाँ #बशर
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हयात-ए-मुस्त'आर जमाने में बशर अपनी कुछ ऐसे गुज़र गई
ख्वाहिशें थीं तो हैसियत न थी हैसियत है तो ख्वाहिशें मर गई
डॉ.एन.आर. कस्वाँ #बशर
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