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हयाते-ए-मुस्त'आर में किसीसे शिकवा बेवजह करें हम
क्यं ना सफ़र -ए-हयात में हमसफ़र की परवाह करें हम
मंज़िल तो है कज़ा हमारी ख़ुद -ब-ख़ुद चलकर आएगी
हम को चलते जाना है बशर आसाँ अपनी राह करें हम
डॉ.एन.आर.कस्वाँ #बशर
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