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दुश्वार है हयात -ए -मुस्त'आर
जीने का जरा हुनर रखिए,
गैरों पे भलेही कुछ कम रखिए
अपनों पे जरा नज़र रखिए!
डॉ.एन.आर. कस्वाँ #बशर
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दुश्वार है हयात -ए -मुस्त'आर
जीने का जरा हुनर रखिए,
गैरों पे भलेही कुछ कम रखिए
अपनों पे जरा नज़र रखिए!
डॉ.एन.आर. कस्वाँ #बशर
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