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सफ़र में अक्सर हम यहाँ - वहाँ से गुजरते हैं
राह- ए- हयात से गुज़र कर जहाँ से गुजरते हैं
हालात बदलते हैं तो ख़्यालात बदलते हैं बशर
अल्फ़ाज हमारे जाने कहाँ - कहाँ से गुजरते हैं
डॉ.एन.आर. कस्वाँ
#बशर
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