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अब मिरे घर में कहीं कोई क़िताब नहीं

Nathuram KaswanNathuram Kaswan April 26, 2023
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पहले की तरह कुछभी पढने को बेताब नहीं

रखी अब मिरे घर में कहीं कोई क़िताब नहीं

सर ए फ़लक बेशुमार अल्फ़ाज बिखरे हुए हैं 

इन बे - हिसाब लफ्जों का कोई हिसाब नहीं

डॉ.एन.आर. कस्वाँ #बशर 

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