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ओ मालिक मेरे......
पल-पल तेरा ही तो साथ लिये जा रहा हूं.....
ओ मालिक मेरे, मौज से जिये जा रहा हूं.....
चलते-चलते जीवन के अनजान सफ़र में.....
हर एक जन में तेरे दर्शन किये जा रहा हूं......
अजीब लूट कर रहे ग़म के चंद लुटेरों को......
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