Share0 Bookmarks 216685 Reads0 Likes
अपनी आँखों में उसने
भर लिया शीशा
उस पर उठती हर उँगली ने देखी
खुद पर उठती हुई उँगली
ईश्वर ने अपने हाथ देखे उसमें
जिसने बनाया
परिभाषाएँ गढ़ने वाले इंसानों को
जर्जर दीवारों ने अपना चेहरा देखा उसमें
एक स्त्री ने देखी उसमें
वासनाओं का समुद्र
पुरुष
No posts
No posts
No posts
No posts
Comments