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गुनगुनी धूप के महीने में
कॉफी हाउस की सीढ़ियों पर
तुमने मेरी तस्वीरें खींची थी
हर तस्वीर के बाद मेरे बालों को ठीक करना
तुम्हारा उस क्षण के साथ पूर्ण न्याय था
सीढ़ियों से नीचे उतरते वक़्त
मेरा हेयर पिन अटक गया था
तुम्हारे ब्लेजर के ब्रोच पर
एक हाथ से मेरे चेहरे पर
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