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ज़िंदा कौम ज़ुल्म का प्रतिकार करती है।
मुर्दा कौम वक्त बीतने का इंतजार करती है।।
एक बनती है तारीख इतिहास में दर्ज़ होकर।
दूसरी दफ़न हो कर बस ख़ाक बनती है ।।
दूसरों का कत्ल जो देखते हैं तमाशाई ब
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