वो सिर्फ एक औरत नहीं थी's image
Poetry1 min read

वो सिर्फ एक औरत नहीं थी

Nand Kishore kashmiraNand Kishore kashmira March 26, 2022
Share0 Bookmarks 31819 Reads0 Likes

अखबार के कोने में एक खबर

एक औरत की हत्या गला रेत कर

पढ़ी सबने सरसरी तौर पर, फिर

नजर हटा ली किसी और खबर को देख कर ।


मगर मैं ठिठक कर रह गया

मैं सोचने लगा ,वह सिर्फ औरत नहीं थी

मां थी एक छोटे से बच्चे की

जो हाथ पकड़ कर उसका

समझता था खुद को शहंशाह

जिस के रोने से मचल जाती थी

सारी कायनात उस मां की

वह सिर्फ एक औरत नहीं थी।


वो किसी के सपनों की परी थी

थका हारा वह जब लौटता

तो उसकी राह तकती थी

No posts

Comments

No posts

No posts

No posts

No posts