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शर्म से नीले पड़े हैं अधर उसके आज भी
यूं तो चूमे हुए उनको ज़माना हो गया।
उसको मिलने का बहुत था मन तो आया
किताबों की अदला बदली बस बहाना हो गया
वो किसी दूसरे का हो चुका था,मगर
अब मेरा भी उसके घर आना जाना हो गया
गर यकीं न हो तो तुम भी जाकर देख लो
जो गया उसकी गली वही दीवाना हो गया
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