
Share0 Bookmarks 32 Reads0 Likes
शर्म से नीले पड़े हैं अधर उसके आज भी
यूं तो चूमे हुए उनको ज़माना हो गया।
उसको मिलने का बहुत था मन तो आया
किताबों की अदला बदली बस बहाना हो गया
वो किसी दूसरे का हो चुका था,मगर
अब मेरा भी उसके घर आना जाना हो गया
गर यकीं न हो तो तुम भी जाकर देख लो
जो गया उसकी गली वही दीवाना हो गया
No posts
No posts
No posts
No posts
Comments