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अब मुझे अबीर कौन लगाए
इस होली तुम क्यों नहीं आए?
सब खेल रहे मिल कर होली
करते आपस में खूब ठिठोली
मुझे काटने आते हैं ये सब रंग
मैं होली खेलूं तो किसके संग
सब लगते हैं मुझको पराए
इस
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