Share0 Bookmarks 31144 Reads0 Likes
किसी दिलजले प्रेमी सा
सावन तू छुपकर क्यों आता है?
जब मीत मेरा परदेश में है
तब तुझको क्या ये भाता है ?
क्या कर लूंगी मैं तेरी
गीली रूमानी बरसातों में?
डर से किस से लिपटूंग
No posts
No posts
No posts
No posts
किसी दिलजले प्रेमी सा
सावन तू छुपकर क्यों आता है?
जब मीत मेरा परदेश में है
तब तुझको क्या ये भाता है ?
क्या कर लूंगी मैं तेरी
गीली रूमानी बरसातों में?
डर से किस से लिपटूंग
No posts
No posts
No posts
No posts
Comments