पिताश्री's image
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वो जो मुझको इस धरा पर था लाया ।

जिसने उंगली पकड़ कर चलना सिखाया।


बारिशों,आंधियों के थपेड़े बहुत पड़े झेलने।

वही तो था जिसने इनको सहना सिखाया।


जो मेरे दर्द में चीखने लगता था खुद भी।

मेरे जख्मों पर जिसन

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