मरीचिका's image
Share0 Bookmarks 44424 Reads0 Likes

शुष्क पड़े अधरों से

जान लिया वो प्यासा है 

चहक रहा बेहद लेकिन

अंदर से बहुत रुवांसा है


सुख की खोज में बहुत

दूर निकल आया था वो

गैरों का होने की जल्दी में

ख़ुद से बहुत पराया था वो


चाहत में अमृत की उसने

निर्मल जल

No posts

Comments

No posts

No posts

No posts

No posts