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मैं पत्थर हूं।

Nand Kishore kashmiraNand Kishore kashmira February 5, 2022
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मुझको पत्थर कहने वाले !

मैं मोम था पहले ।


तब जिसने चाहा

मुझको जलाया, तड़पाया,

अपने-अपने सांचों में ढाला ।

शम्मा की शक्ल देकर ,

क़तरा क़तरा पिघलाया

शाम से सहर तक जलाया।।


मेरा कोई वजूद न था

सांचों के नाम से मैं जाना गया ।

जिन जिन शक्लों में ढाला 

उनकी रंगत में पहचाना गया।। 


फिर मैं पत्

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