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रिश्ते नाते, प्यार मुहब्बत,
जाने कौन कब छूट जाए
एक सांस है कच्ची डोरी सी
जाने वो भी कब टूट जाये
किस्मत किसने देखी है
कब बने कब रूठ जाए
बैठे हैं कितने ताक में अभी
कौन कहां कब लूट जाए
कांच के बने हैं पुतले सब
ठेस लगे से कब फूट जाए
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