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है कोई वज़ह या बिन बात का डर है।
शायद उन्हें बेकाबू जज़्बात का डर है।।
खुला खुला आसमां ,चमकता आफताब।
ऐसे में भी तुमको बरसात का डर है ।।
बेवफ़ा सनम गुजरते हैं जिस राह से ।
गुजरेंगे न उस से मुलाक़ात का डर है।।
हादसे की रात
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