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बमुश्किल दबे अरमान,
दिल से निकल आए हैं।
सभी छिपे हुए कोकरोच
बिल से निकल आए हैंll
लफ्जों में तल्खी और,
रिश्तों में तनाव आ गया है।
लगता है फिर से कोई
चुनाव आ गया है
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बमुश्किल दबे अरमान,
दिल से निकल आए हैं।
सभी छिपे हुए कोकरोच
बिल से निकल आए हैंll
लफ्जों में तल्खी और,
रिश्तों में तनाव आ गया है।
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चुनाव आ गया है
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