अनमोल's image
Share0 Bookmarks 48 Reads1 Likes

तेरे रूप के क्या कहने

पर क्यों पहने इतने गहने


तू स्वयं ईश की कृति अनमोल

हर अंग बनाया प्रभु ने तोल 


छूने से मैली हो जायेगी तू

सांसों में तेरी चंपा की खुशबू


नाज़ुक कमर तेरी बलखाती

आत्ममुग्धा सी तू इतराती


रख सम्हाल तू नैन कटारी

जाने कब आ जाए मेरी बारी

No posts

Comments

No posts

No posts

No posts

No posts