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उसकी ठुड्ढी पर अंगुली रखकर मेरी और घुमाना
उससे उसकी दिल की बातों के बारे में पूछना
उसकी कनखियो से बालो को हटाना
उसे गले लगाना
उसका रोना
उसका सिसकना
मेरे सीने से अपना सिर लगाकर उसका वो सुबकना
उसके आंसुओ से आँखो के सामने अंधेरा सा छा जाना
गले लगाकर दूर कर देना
और तकलीफो और उदासी का समंदर आ जाना।
तुम्हारी इक मुलाकात बहुत तकलीफ दे रही थी
मेरी जान में तुझे इस कदर बसाया, की कमबख्त मुझसे जान ही निकल रही थी।
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