
Share0 Bookmarks 150 Reads0 Likes
उसकी ठुड्ढी पर अंगुली रखकर मेरी और घुमाना
उससे उसकी दिल की बातों के बारे में पूछना
उसकी कनखियो से बालो को हटाना
उसे गले लगाना
उसका रोना
उसका सिसकना
मेरे सीने से अपना सिर लगाकर उसका वो सुबकना
उसके आंसुओ से आँखो के सामने अंधेरा सा छा जाना
गले लगाकर दूर कर देना
और तकलीफो और उदासी का समंदर आ जाना।
तुम्हारी इक मुलाकात बहुत तकलीफ दे रही थी
मेरी जान में तुझे इस कदर बसाया, की कमबख्त मुझसे जान ही निकल रही थी।
No posts
No posts
No posts
No posts
Comments