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अपने प्रशंसक या आलोचक का हमेशा खुले हृदय से स्वागत और धन्यवाद करें।
क्योंकि ये नदी के बहाव और गतिशीलता का द्योतक
क्योंकि ये नदी के बहाव और गतिशीलता का द्योतक
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