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सामने पड़े कार्यों को देख कर घबराते हुए, ये मत सोचो कि
कितने काम पड़े हैं? अपितु यह सोचो कि आप इनमें से कितने कार्य पूर्ण कर चुके हो!
मुक्ता शर्मा त्रिपाठी
हिन्दी अध्यापिका
श इं ज सिं स मि स्कूल कोटला शर्फ़ बटाला गुरदासपुर
कितने काम पड़े हैं? अपितु यह सोचो कि आप इनमें से कितने कार्य पूर्ण कर चुके हो!
मुक्ता शर्मा त्रिपाठी
हिन्दी अध्यापिका
श इं ज सिं स मि स्कूल कोटला शर्फ़ बटाला गुरदासपुर
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