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नदियों के कलनिनाद और
हिमगिरी के उत्तंग शिखर,
देवभूमि यह देवालय है
बसते हैं जहाँ शिव शंकर।
स्वच्छ वायु नीला आकाश
काफ़ल पाको खिले बुरांश,
सुंदर अभ्यारण्य यहाँ की
वादियाँ करें प्रसन्न
धन्य धन्य हूँ धन्य
जन्मभूमि उत्तराखण्ड।
पहाड़ मेरे बचपन के यार
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